happy Bhai Dooj Celebrates the loving bond of love shared between siblings

Bhai Dooj 2025: भाई दूज पर पंडितों ने बताया ये राज, जिससे भाई-बहन का रिश्ता बनता है अमर

Table of index

  • भाई दूज 2025 कब है?
  • भाई दूज शुभ मुहूर्त कब है?
  • भाई दूज क्यों मनाते हैं?
  • भाई दूज का महत्व क्या है?
  • यमदूतिया क्या है?
  • भाई दूज पर किस देवता की पूजा की जाती है?
  • भाई दूज की पौराणिक कथा

भाई दूज 2025 कब है | Bhai Dooj Kab hai 2025

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला भाई दूज का खास पर्व है यह पर्व भाई बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है इस दिन बहनें अपने भाई को उनके माथे पर तिलक करके उनकी लंबी आयु की और उनके जीवन में उन्नति सुख समृद्धि की कामना करती हैं इस पर्व को भद्रा द्वितीय और यम द्वितीया के नाम से भी जानते हैं

भाई दूज शुभ मुहूर्त कब है | Bhai Dooj 2025 date and time

Date | तारीख 23 अक्टूबर 2025
Day | दिन Thursday | गुरुवार
भाई दूज का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से - 3 बजकर 28 मिनट तक है

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भाई दूज क्यों मनाते हैं | Why do we celebrate Bhai Dooj?

पाँच दिन से चले आ रहे दीपावली के महापर्व का अंतिम दिन यम द्वितीया या भाई दूज के नाम से जाना जाता है यह पर्व भाई के उज्जवल भविष्य औरउसकी लंबी आयु के लिए मनाया जाने वाला एक खास पर्व है इस पर्व को मनाने का मुख्य कारण यह है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने के लिए उनके पास गए थे तब यमुना जी ने उनका आदर सत्कार कर उनके माथे पर तिलक करके और उनको भोजन कराया और यह वचन लिया कि

इस दिन वह हर साल अपनी बहन के घर पधारेंगे और तिलक करवाएंगे इसी तरह जो भी बहन अपने भाई को आमंत्रित करके तिलक करके भोजन करावेगी उसके भाई की उम्र लंबी होगी और उसके जीवन में सुख समृद्धि रहेगी यही एक मुख्य कारण है कि इस पर्व को हम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं इस दिन बहन के आदर सत्कार से खुश होकर यम नेअपनी बहन यमुना को यह वरदान दिया था तभी से इस व्रत को मनाने की प्रथा प्रारंभ हो गईऔर प्रत्येक हिंदुस्तानी इस पर्व को मानने लगा इस पर्व को मनाने का मुख्य कारण भाई बहन के अटूट रिश्ते का होना माना जाता है

भाई दूज का महत्व | Importance of Bhai Dooj

वैसे तो हम इस पर्व की संपूर्ण जानकारी ऊपर दे चुके हैं किंतु इस पर्व के महत्व को जाना अति आवश्यक है पौराणिक कथा के अनुसार यह पर्व साल में दो बार आता है एक होली के बाद दूसरा दिवाली के बाद इस दिन यमराज ने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया था कि इस दिन जो भी भाई-बहन यमुना नदी में स्नान करेंगे उन्हें मुक्ति प्राप्त होगी और इसी लिए इस पर्व को यमुना नदी में नहाने का विशेष महत्व माना जाता है इस दिन बहन भाइयों की लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं ऐसा माना जाता है कि इस दिन यदि भाई बहन यमुना नदी में स्नान करते हैं तो उनके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती हैऔर भाई बहन के रिश्ते और भी अटूट हो जाते हैं इसीलिए इस पर्व का खास महत्व माना जाता है

यमदूतिया क्या है | what is Yamdutiya

भाई दूज के पर्व को ही यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है यम मतलब यमराज द्वितीय का मतलब द्वितीया तिथि इसी को यम द्वितीया के नाम से जानते हैं और ऐसा माना जाता है कि इसी दिन इस पर्व की शुरुआत हुई

भाई दूज पर किस देवता की पूजा की जाती है | Which God is worshiped on Bhai Dooj?

इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाकर उनकी पूजा स्वीकार करेगा और उनके घर भोजन करेगा उनको अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा ऐसे में भाई दूज के दिन यमराज यमदूत और चित्रगुप्त की पूजा की जाती है और इन सभी के नाम से आर्ग और दान अवश्य करना चाहिए ताकि आपको भाई दूज का पुण्य पूर्ण रूप से प्राप्त हो सके

भाई दूज की पौराणिक कथा | Mythology of Bhai Dooj?

इस पर्व को मनाने का एक मुख्य कारण और भी है और कथा है उस कथा के अनुसार देवराज इंद्र को अभिमान हो गया था देवराज इंद्र का अभिमान चूर करने के लिए के लिए भगवान श्री कृष्णा जो स्वयं लीलाधारी श्री हरि विष्णु के अवतार हैं ने एक लीला रची इस लीला के अनुसार सभी बृज वासी उत्तम पकवान बना रहे थे और भगवान की पूजा की तैयारी में झूठे थे तब श्रीकृष्ण ने बड़े ही भोलेपन से अपनी माता से पूछा मैया यह सब लोग किसकी पूजा की तैयारी कर रहे हैं तब मैया यशोदा बोली लाला हमें देवराज इंद्र की पूजा के लिए अन्नकूट की तैयारी कर रहे हैं तो वह बोले मैया हम उनकी पूजा क्यों करते हैं तब मैया बोली देवराज इंद्र वर्षा करते हैं जिससे अन्न की पैदावार होती है इसी वजह से भगवान इंद्र की पूजा की जाती है

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। इसमें प्रस्तुत जानकारी और तथ्यों की सटीकता और संपूर्णता के लिए त्यौहार खोज डॉट कॉम जिम्मेदार नहीं है।