मान्यता के अनुसार दुर्गा पूजा भारत में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध हिंदू त्यौहार है दुर्गा पूजा भारतीय राज्य असम बिहार झारखंड मणिपुर उड़ीसा त्रिपुरा और सबसे खास पश्चिम बंगाल में मनाया जाने वाला पर्व है जिसमें हिंदू देवी दुर्गा की पूजा की जाती है इसमें 6 दोनों को महालय पश्चिमभद्र सप्तमी महाअष्टमी महानवमी और दशमी के रूप में मनाया जाता है दुर्गा पूजा आज विश्व प्रसिद्ध है 10 दिनों का त्यौहार है
Date | 8 अक्टूबर 2024 [मंगलवार] |
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माता रानी के इन 9 दिनों के व्रत पूजा पाठ के कुछ नियम होते हैं जिनके बारे में यदि पूर्ण जानकारी नहीं हो तो हम संपूर्ण फल की प्राप्ति नहीं कर सकते इसलिए हमें कुछ नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए ताकि हमें माता रानी के व्रत से संपूर्ण फल की प्राप्ति हो सके
(1) दुर्गा पूजा के दौरान मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए
(2) यदि अपने घर में अखंड ज्योत जलाई है तो घर को खाली नहीं छोड़ना चाहिए
(3) प्याज लहसुन का प्रयोग नहीं करना चाहिए
(4) साफ और स्वच्छ कपड़े पहनना चाहिए
(5) किसी भी स्त्री का अपमान तो बिल्कुल भी ना करें
(6) ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए
(7) इस व्रत में अपने मन को शांत करके अधिक से अधिक माता का ध्यान करना चाहिए
नवरात्रि के दौरान, हम दुर्गा माता के रूपों की पूजा और उपासना करते हैं। आइए जानते हैं दुर्गा की पूजा कैसे की जाती है:
(1) सबसे पहले आप सुबह उठकर स्नान करें और दुर्गा पूजा के लिए एक चौकी ले
(2) चौकी को जिस स्थान पर रखें उसे स्थान को स्वच्छ करें और स्थान पर गंगाजल छिड़कर उसके बाद चौकी के ऊपर एक लाल कपड़ा बिछाए
(3) पूजा के लिए माता दुर्गा की मूर्ति या चित्र को स्थान दें।
(4) पूजा की शुरुआत मंगल कलश के साथ करें।
(5) माता देवी की प्रतिमा को गंगाजल से नहला कर चौकी के ऊपर रखें पूजा की सारी सामग्री एकत्रित करें
(6) उसके बाद माता को लाल रंग की चुनरी पहना है उसके बाद उनको माला अर्पण करके फूल चढ़ाए चंदन लगे अक्षत रखें
(7) उसके बाद दुर्गा सप्तमी पाठ करें उसके अलावा दुर्गा चालीसा का भी पाठ करें
(8) दुर्गा मां के सामने हाथ जोड़कर अपनी गलतियां या भूल चूक की क्षमा याचना हाथ जोड़कर करें
(9) उसके बाद आरती करें सभी के पश्चात माता को भोग लगाकर प्रसाद को सब में वितरित करें और थोड़ा प्रसाद अपने लिए भी बचाएं
दुर्गा पूजा का मूल मंत्र "ओम श्री दुर्गाय नमः ओम श्री दुर्गाय नमः" ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त इस मंत्र का जाप करता है तो मां दुर्गा उसके सारे कष्ट को हर लेती है और अपने भक्तों का कल्याण करती है इसके साथ ही दुर्गा पूजा का एक महामंत्र भी है
"ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते नमोस्तुते नमोस्तुते नमो नमः"
यह दुर्गा पूजा का महामंत्र है