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Ram Navami 2024 | राम नवमी 2024 में कब है, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं रामनवमी का क्या महत्व है

Table of index

  • रामनवमी क्या है
  • रामनवमी 2024 में कब है
  • रामनवमी शुभ मुहूर्त
  • रामनवमी का पर्व क्यों मनाते हैं
  • रामनवमी का पौराणिक महत्व
  • रामनवमी पर किसकी पूजा की जाती है
  • रामनवमी कैसे मनाए?
  • रामनवमी पर किस प्रसाद का भोग लगाते हैं
  • रामनवमी के दिन क्या करें
  • रामनवमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए
  • रामनवमी और महानवमी में अंतर
  • रामनवमी का पर्व किन-किन राज्यों में मनाया जाता है
  • रामनवमी पूजा विधि

रामनवमी क्या है | What is Ram Navami?

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को रामनवमी कहते हैं और मानते हैं इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म हुआ था इसीलिए यह पर्व रामनवमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है मान्यता के अनुसार रामनवमी के दिन माता दुर्गा की भी पूजा की जाती है जिससे मन वांछित फल की प्राप्ति होती है और यह भी माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए माता दुर्गा की उपासना की थी

रामनवमी 2024 में कब है | (Ram Navami 2024 kab hai)

तारीख | Date 17 अप्रैल 2024
दिन | Day बुधवार

रामनवमी शुभ मुहूर्त (Ram Navami Shubh Muhurat 2024)

रामनवमी हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल के अप्रैल महीने में मनाई जाती है। इस वर्ष, रामनवमी की तारीख 17 अप्रैल 2024 दिन बुधवार को है यह तिथि पूरे भारतवर्ष में हिन्दू धर्म के अनुयायियों द्वारा बड़े धूमधाम से मनाई जाएगी और पूजा-अर्चना के साथ उत्सव मनया जाता है

रामनवमी का पर्व क्यों मनाते हैं

शास्त्रों के अनुसार रामनवमी का पर्व इसलिए मनाया जाता है क्योंकि वेदों और में शास्त्रों में लिखा है कि इस दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था चैत्र मास को जब नव वर्ष शुरू होता है तब चैत्र नवरात्रि आती है और जब चैत्र नवरात्रि समाप्त होती है तब रामनवमी मनाई जाती है चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के नौवे दिन मां दुर्गा और भगवान श्री राम की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने लंका पर विजय हासिल करने के लिए मां दुर्गा की उपासना की थी इसलिए चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि पर देवी दुर्गा और भगवान राम दोनों की पूजा की जाती है हिंदू धर्म ग्रंथो में भगवान राम और उनके तीनों भ्राताओं के जन्म को लेकर एक पौराणिक कथा भी बताइ गई है

रामनवमी का पौराणिक महत्व | Ram Navami Importance

शास्त्रों के अनुसार जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भगवान राम का जन्म चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष के दौरान नवमी तिथि को हुआ था और इसीलिए विद्वान कहते हैं कि इस दिन को भगवान राम की जयंती के नाम से भी पुकारा जाता है क्योंकि यह दिन भगवान राम के नक्षत्र पर होता है इसी कारण इस दिन को राम जी की जयंती भी कहते हैं इसके अलावा चैत्र नवरात्रि जिससे बसंत नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है जो रामनवमी के समृद्ध दिन पर समाप्त होता है इसीलिए इनका उल्लेख रामनवमी के रूप में भी करते हैं अयोध्या में लोग पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं और राम मंदिर जाते हैं और इस दिन भक्त मिट्टी से बने भगवान राम के स्वरूप की पूजा करते हैं और इसका खास महत्व यह भी है कि इस दिन लोग भगवान राम सीता लक्ष्मण और हनुमान जी की रथ यात्रा भी निकालते जाती है उन्हें अलग-अलग स्थान पर ले जाते हैं

रामनवमी पर किसकी पूजा की जाती है | Who is worshiped on Ram Navami?

हम सभी जानते हैं की रामनवमी राम जी के जन्म का दिवस है और इस दिन भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्ति के लिए मां दुर्गा की उपासना की थी इसी वजह से रामनवमी पर भगवान श्री राम और माता दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है रामनवमी को हिंदुस्तान में बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं शोभायात्रा निकालते हैं और बड़े ही हर्षोल्लास के साथ इस पर्व का स्वागत करते हैं और मानते हैं आज के दिन असत्य पर सत्य की विजय हुई थी इसीलिए हम रामनवमी पर भगवान राम व माता दुर्गा की उपासना करते हैं और यह पर्व पूर्ण रूप से मां दुर्गा और भगवान राम को समर्पित है

रामनवमी कैसे मनाए?" | How to celebrate Ram Navami

हिंदू धर्म में रामनवमी का विशेष महत्व है रामनवमी के दिन पूजा अर्चना की जाती है रामनवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि से निवृत होकर पूजा पाठ करें और यदि आप इस दिन व्रत करना चाहते हैं तो व्रत का संकल्प ले उसके पश्चात भगवान राम के बाल रूप की पूजा करें और रामनवमी वाले दिन अपने घर को फूलों से और झालरों से सजाना हैं उसके साथ ही इस दिन भजन कीर्तन धार्मिक स्थलों या अपने घर पर आयोजन करें

रामनवमी पर किस प्रसाद का भोग लगाते हैं | Which prasad is offered on Ram Navami?

रामनवमी के अवसर पर चावल से बनी खीर का भोग अवश्य लगायें क्योंकि ऐसा माना जाता है कि श्री राम को खीर अति प्रिय है इसके साथ ही रामनवमी के पावन अवसर पर आप हलवा पुरी का भी भोग लगा सकते हैं और पांच वस्तु से बने पंचामृत का भी भोग लगायें और इस दिन आप पंजीरी का भी भोग लगा सकते हैं क्योंकि इस दिन जिस भी चीज का भोग लगाते हैं तो उससे भगवान श्री राम अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भोग लगाने के पश्चात उस भोग को आप सब में वितरित अवश्य करें क्योंकि रामनवमी के दिन ऐसा करना अत्यंत शुभ माना जाता है

रामनवमी के दिन क्या करें | What to do on Ramnavmi day

रामनवमी के दिन हमें यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि इस दिन हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए | हम सबसे पहले जानेंगे कि हमें क्या करना चाहिए

1: इस दिन हमें भजन कीर्तन का आयोजन करना चाहिए

2: इसके साथ ही रामनवमी के दिन सभी मंदिरों को विशेष रूप से सजाना चाहिए

3: इसके साथ ही रामनवमी के दिन हमें पूजा और व्रत अवश्य करने चाहिए क्योंकि ऐसा करना बहुत ही फलदाई माना जाता है मान्यता के अनुसार इस दिन जो भी व्यक्ति पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करता है तो उसके जीवन से जुड़े सारे कष्ट दूर हो जाते हैं

4: रामनवमी के दिन गरीबों को दान अवश्य करना चाहिए

रामनवमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए | What should not be done on the day of Ram Navami

1: श्री राम जी की पूजा में पुराने मुरझाए हुए फूल नहीं चढ़ाने चाहिए

2: यदि दीपक बुझ जाए तो उसे दीपक को दोबारा न जलाकर नया दीपक जलाना चाहिए

3: रामनवमी के दिन तामसिक भोजन जैसे प्याज लहसुन मांस मदिरा आदि का भूलकर भी सेवन नहीं करना चाहिए

4: रामनवमी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए

रामनवमी और महानवमी में अंतर | Difference between Ramnavmi and Mahanavmi

हम जानेंगे रामनवमी और महानवमी में क्या अंतर है भारतीय हिंदू धर्म में रामनवमी और महानवमी दोनों ही प्रमुख त्योहार हैं हालांकि दोनों ही त्यौहार में अंतर है रामनवमी एक हिंदू त्यौहार है जो हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है यह दिन भगवान राम की जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है रामनवमी को हिंदू धर्म के उत्सवों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण त्योहार में से एक माना जाता है

वही महानवमी भी एक हिंदू त्यौहार है जो शारदीय नवरात्रों में आता है महानवमी श्रद्धा और पूजन का दिन होता है जो शारदीय नवरात्रों के 9 दिन में पड़ता है इस दिन मां दुर्गा की आराधना की जाती है इस प्रकार रामनवमी और महानवमी दोनों ही अलग-अलग त्यौहार है जिन्हें अलग-अलग अवसरों पर मनाया जाता है रामनवमी भगवान राम के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है जबकि महानवमी शारदीय नवरात्रों के नोवे दिन मनाया जाता है और मां दुर्गा की पूजा के लिए अर्पित होता है दोनों त्योहारों में धार्मिक पूजा अर्चना की जाती है और विभिन्न रामायण श्लोक के पाठ किए जाते हैं

रामनवमी का पर्व किन-किन राज्यों में मनाया जाता है | In which states is the festival of Ram Navami celebrated?

वैसे तो भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और इस जगह का महत्व तो पूरे भारत में है क्योंकि इस दिन बहुत ही धूमधाम से रथ यात्रा निकाली जाती है किंतु इसके अलावा यह पर्व बिहार भत्ताचलमऔर रामेश्वरम में मनाया जाता है क्योंकि यह एक हिंदू पर्व है इसीलिए यह त्योहार मुख्य रूप से पूरे भारत में मनाया जाता है क्योंकि इस पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है

रामनवमी पूजा विधि | Ram Navami katha

1: पहले दिन सबेरे स्नान करें और नवमी तिथि का व्रत आरंभ करें।

2: पूजा स्थल को सुगंधित धूप, दीप, फूल, आसान, और सुविधाएं सजाकर तैयार करें।

3: एक कलश में पानी भरकर उसमें चंदन, कुमकुम, फूल, दुर्वा, अक्षत, और मिश्रित धान्य डालें। कलश को पूजा स्थल पर स्थापित करें।

4: श्रीराम, सीता, और लक्ष्मण की मूर्तियों की पूजा करें। रामायण अथवा रामचरितमानस का पाठ करें।

5: रामभजन गाएं और आरती दर्शनीय देवता की अद्भुति को बढ़ावा देने के लिए करें।

6: पूजा के बाद, प्रसाद को भगवान को अर्पित करें और फिर उसे सभी परिवारजनों को वितरित करें।