Why do we celebrate Nag Panchami? Reason to know

Nag Panchami 2024 | Nag Panchmi 2024 kab hai | नाग पंचमी क्यों मनाते हैं जानें बनाने का कारण

Table of index

  • नाग पंचमी क्या है
  • नाग पंचमी 2024 कब है
  • नाग पंचमी क्यों मनाते हैं
  • नाग पंचमी पर्व को मनाने का मुख्य कारण
  • नाग पंचमी का महत्व
  • नाग पंचमी में गुड़िया पीटने का रहस्य
  • नाग पंचमी की पौराणिक कथा
  • नाग पंचमी पूजा विधि

नाग पंचमी क्या है | what is naag panchami?

नाग पंचमी हिंदुओं का त्यौहार है जो कि सावन मास की कृष्ण पक्ष में पंचमी तिथि को मनाया जाता है इस दिन नाग देवता को दूध से स्नान व दूध पिलाने की परंपरा है इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कुंडली मैं कालसर्प दोष भी मिट जाता है और इसके साथ ही राहु केतु के दुष्प्रभाव भी कम हो जाते हैं।

नाग पंचमी कब है 2024 | Nag Panchmi 2024 date And Time

तारीख | Date 9 Aug, 2024
दिन | Day शुक्रवार | Friday

नाग पंचमी क्यों मनाते हैं | Why do we celebrate Nag Panchami?

यह तो हम सभी जानते हैं कि सावन माह का महीना बरसात का महीना होता है और इन्हीं बरसात के दिनों में सभी सांप अपने अपने जगह से निकलकर बाहर आने लगते हैं क्योंकि सांपों के बिल में पानी भर जाता है इसलिए वह अपनी जगह से निकलकर सुरक्षित जगह की खोज के लिए निकल पढ़ते हैं प्राचीन काल में इन्हीं सांपों की रक्षा और सर्पदंश के भय से मुक्ति पाने के लिए हमारी हिंदू भारतीय संस्कृति में नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने का विधान है पुराणों के अनुसार जब समुद्र मंथन हो रहा था और राक्षसगण और देवता अमृत पाने के लिए एक-दूसरे के आमने-सामने थे और जब समुद्र मंथन हो रहा था।

तब उसमें से विष का प्याला निकला तो उससे ग्रहण करने के लिए कोई भी तैयार नहीं हुआ ना देवतागण ना राक्षसग उस समय शिवजी वहां प्रकट हुए और उस विष के प्याले को लेकर उसे पीने लगे तभी सभी देवता गण उनको रोकने का प्रयत्न करने लगे किंतु वह उस विष के प्याले को पी गए और अपने कंठ में रख लिया जब शिवजी को विष को ग्रहण कर रहे थे तभी उस समय समुद्र से सारे नाग बाहर आकर उस विष को ग्रहण करने लगे तभी से नागपंचमी के रूप में यह पर्व मनाया जाता है महादेव ने उन सांपों को आशीर्वाद दिया कि तुम्हें भी इस पृथ्वी पर देवताओं की तरह पूजा जाएगा तभी से इस दिन नाग देवता को दूध से नहलाया जाता है और उन्हें दूध पिलाया जाता है जैसा कि हम सभी जानते हैं कि जब हम शिवलिंग की पूजा करते हैं तो शिवलिंग पर दूध चढ़ाते हैं उसी प्रकार हम नाग देवता को भी दूध से नहलाया जाएगा जिस प्रकार मेरी पूजा होती है उसी प्रकार इस पृथ्वी पर तुम्हें भी पूजा जाएगा और तुम्हारे ऊपर भी दूध का अभिषेक किया जाएगा

नाग पंचमी पर्व को मनाने का मुख्य कारण | Main reason for celebrating Nag Panchami festival

वैसे तो हम आपको यह बता ही चुके हैं कि नागपंचमी क्यों मनाते हैं किंतु इसको मनाने का एक मुख्य कारण और भी है वह यह है कि ब्रह्मा जी ने नाग देवता को आशीर्वाद प्रदान किया और कहा कि इस पृथ्वी का भार तुम्हारे ऊपर होगा और हिंदू मान्यता के अनुसार पृथ्वी जो है वह शेषनाग के फन के ऊपर है इस पृथ्वी का भार शेषनाग ने पूरी पृथ्वी को अपने फन के ऊपर रख रखा है इसलिए हम नाग पंचमी के त्योहार को मनाते हैं क्योंकि हमारी पृथ्वी को नाग देवता ने ही कई वर्षों से अपने फन पर संभाल रखा है इसीलिए हम इस दिन को एक पर्व के रूप में भी मनाते हैं

नाग पंचमी को मनाने का महत्व | Importance of celebrating Nag Panchami

सावन मास के महीने की पंचमी तिथि को हम नागपंचमी की पूजा करते हैं पंचमी तिथि को भगवान शिव के आभूषण नागों की पूजा की जाती है और ऐसा करने से आध्यात्मिक शक्ति सिद्धियां अपार धन की प्राप्ति होती है और यदि आपकी कुंडली में कोई भी राहु केतु का दोष हो तो इस दिन विशेष पूजा करके लाभ पा सकते हैं यदि आपको सर्प के सपने आते हैं या आपको सांपों से डर लगता है तो ऐसी स्थिति में नाग देवता की पूजा करके इन सब से मुक्ति पा सकते हैं हिंदू धर्म के अनुसार हमारे जीवन में नागदेवता का विशेष महत्व है नाग देवता सांपों के देवता माने जाते हैं और उन्हें प्रेम और सम्मान की भावना से पूजा जाता है इस दिन नाग देवता की पूजा करने से भक्तों को सुख समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है नागपंचमी का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि इस दिन सब दुखों से मुक्ति मिलती है

नाग पंचमी में गुड़िया पीटने का रहस्य

श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला नाग पंचमी का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है इसीलिए नागपंचमी को नाग देवता को दूध पिलाने से भगवान प्रसन्न होते हैं इस दिन लोग नाग देवता की पूजा के साथ-साथ शिव जी की भी पूजा करते हैं इस दिन सभी अपने दरवाजे पर गोबर के नाग देवता बनाकर उन्हें पूजते हैं और दूध पिलाते हैं किंतु एक स्थान ऐसा भी है जहां इस त्यौहार को मनाने का अनोखा तरीका है

उत्तर प्रदेश में नाग पंचमी के दिन गुड़िया पीटने की प्रथा है और उन्हें नागपंचमी के दिन चौराहे पर छोड़ देती है और इस को पीटने का रहस्य आइए जानते हैं कि वह क्या है एक कथा के अनुसार एक बार नागों के दुश्मन गरुड़ ने एक नाग पर हमला कर दिया जिससे बचने के लिए नाग ने एक स्त्री से सहायता मांगी उस वक्त तो उस औरत ने नाग की मदद कर दी किंतु बहुत देर तक वह यह सत्य छिपा नहीं पाई और नागों के दुश्मन गरुड़ को नाग के विषय में बता दिया तब उस महिला से क्रोधित होकर नाग ने उसे श्राप दिया था कि साल में 1 दिन ऐसा आएगा जब उसकी पिटाई की जाएगी ऐसा माना जाता है कि नाग देवता के श्राप के कारण ही नाग पंचमी पर कपड़े की गुड़िया बनाकर चौराहे पर या फिर नदी के किनारे रखकर पुरुष उसकी पिटाई करते हैं

नाग पंचमी की पौराणिक कथा | Nag Panchami katha

प्राचीन काल में एक नगर में सेठ जी रहते थे उनके 7 पुत्र थे उन सातो पुत्रों की शादी हो चुकी थी उनमें से सबसे छोटी बहू बहुत ही बुद्धिमान और विदुषी और संस्कारी थी 1 दिन सबसे बड़ी बहू ने अपने सभी देवरानी से कहा कि घर को लीपने के लिए पीली मिट्टी ले आते हैं जब वह मिट्टी खोदने लगी तब वहां एक सांप निकला बड़ी बहू उस सांप को खुरपी से मारने लगी तो छोटी बहू बोली दीदी इस सांप को मत मारो यह तो निर्दोष है इसकी क्या गलती ऐसा सुनकर बड़ी ब हूने उस सांप कोछोड़ दिया तब सांप दूसरी तरफ जा कर बैठ गया छोटी बहू सांप से जाकर बोली आप कहीं मत जाना मैं अभी आती हूं ऐसा कह कर छोटी बहू दूध लेने चली गई घर पहुंचकर वह अपने कामों में लग गई और सांप को किया गया वादा भूल गई अगले दिन जैसे ही उसे यह बात याद आई तब वह वहां दूध लेकर पहुंची उसने देखा सर्प तो वहीं बैठा है तब वह सांप को देख कर वह बोली भैया मुझे माफ कर दो मैं आपसे किया हुआ

वादा भूल गई तब वह बोला मुझसे झूठ बोलने के लिए मैं अभी तुझे डस लेता लेकिन तूने मुझे भाई कहा है इसलिए मैं तुझे छोड़ रहा हूं और आज से तू मेरी बहन हुई तुझे जो चाहिए मुझसे मांग ले तब छोटी बहू बोली भैया मेरा कोई नहीं है मुझे एक भाई मिल गया मुझे और क्या चाहिए किंतु मैं जब भी आपको पुकारू आप चले आना कुछ दिनों बाद सावन का महीना आया सेठ जी की सभी बहू अपने पीहर जाने लगी और छोटी बहू से बोली तेरा तो कोई पीहर नहीं है तू क्या करेगी पीहर जाकर तभी छोटी बहू के दूर के रिश्ते का भाई वहां आ गया और अपनी बहन को साथ ले जाने की इजाजत सेठ जी से मांगने लगा तब सेठ जी बोले कि इसका तो कोई भाई नहीं है तुम कौन हो तब उसने कहा मैं इसके दूर के रिश्ते का भाई हूं मैं इसे लेने आया हूं कृपया करके आप इसको मेरे साथ भेजने की इजाजत दें ऐसा सुनकर सेठ जी अपनी छोटी बहू को उसके भाई के साथ भेज दिया जब बहन सर्पलोग पहुंची तो वहां का ऐश्वर्या देखकर चकित हो गई जब भाई अपनी बहन को लेकर अपनी मां के पास पहुंचा और उसने अपनी मां से कहा यह मेरी बहन है इसने मेरी जान बचाई है और वह यहां रहने आई है तब उसकी मां ने उसको गले लगाया और उसकी खूब आवभगत की ऐसे ही समय बीत रहा था जिस समय वह नागलोक में रह रही थी

उसी समय शेषनाग के बहुत छोटे-छोटे बच्चे जन्मे हुए थे वह रोज देखती के नाग देवता के सभी छोटे छोटे बच्चों के लिए उसकी मां दूध ठंडा करती और जैसे ही दूध ठंडा हो जाता वह घंटी बजाती तो सारे छोटे-छोटे नाग देवता के बच्चे दूध पीने के लिए आ जाते एक दिन वह बोली मां आज दूध में ठंडा कर लेती हूं अभी दूध ठंडा ही नहीं हुआ था कि उसने जल्दबाजी में घंटी बजा दी घंटी की आवाज सुनते ही छोटे छोटे सांप दूध पीने के लिए दौड़ पड़े और दूध पीने के लिए जैसे ही मुंह डाला कईयों के फन जल गए और वह बोले हम इसे डसना चाहते हैं तब नाग देवता की मां के समझाने पर वह मान गए उसके बाद सांप और उसकी मां ने बहुत धन दौलत और हीरे मोती जवाहरात देकर छोटी बहू को उसके घर के लिए विदा किया इतना सब दौलत देख कर बड़ी बहू बोली जब तेरे भाई ने इतनी धन-दौलत दी है तो इसे झड़ने के लिए एक सोने की झाड़ू भी दे देते यह सुनकर सर्प देवता ने सोने की झाड़ू भी लाकर दे दी और उसके साथ हीरो मोती और मणियों का एक अद्भुत हार भी दिया

हार की प्रशंसा सारे नगर में होने लगी रानी ने जब यह बात सुनी तो वह राजा के पास गई और इस हार को पहनने की इच्छा प्रकट करने लगी राजा ने तुरंत अपने सैनिकों को सेठ जी के यहां हार लेने के लिए भेज दिया राजा के डर से सेठ जी ने अपनी छोटी बहू से हार लेकर सैनिकों को दे दिया इस बात से छोटी बहू बहुत दुखी हुई और अपने भाई को याद करने लगी जब भाई आया तो उसने सारी बात बताई तब भाई बोला बहन तुम दुखी मत हो राजा स्वयं ही वह हार तुम्हें वापस करने आएगा रानी ने जैसे ही वह हार पहना वह सांप बन गया और रानी ने डर की वजह से वह हार फेंक दिया यह देखकर राजा ने छोटी बहू को अपने राज्य में बुलाया तब सेठ जी स्वयं ही अपनी बहू को लेकर राजा के पास पहुंचे राजा ने छोटी बहू से पूछा यह क्या काला जादू है तब छोटी बहू ने राजा से कहा मुझे क्षमा कीजिए यह हार ऐसा ही है यह मेरे भाई ने मुझे दिया है तभी वहां पर नाग देवता प्रकट हुए और बोले यह मेरी बहन है और यह हार मैंने इसे दिया है यह देखकर और सुनकर सभी ने नाग देवता को प्रणाम किया और क्षमा मांगी उसी दिन से नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाने लगा

नाग पंचमी पूजा विधि | Nag Panchmi Pooja Vidhi

जैसा कि हम सभी जानते हैं किना पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है कि आज हम जानेंगे पूजा विधि के किस तरह से नाग देवता की पूजा करनी चाहिए वैसे तो नाग देवता की पूजा विधि सरल होती है किंतु इस पूजा को भी आप पूरे मन और सच्चे हृदय से करें ताकि आपको इसका फल भी अवश्य मिल सकेसबसे पहले हम जिस जगह पर नाग देवता बनाते हैं उस जगह को साफ कर लें उसके बाद गंगाजल छड़क कर उस जगह का शुद्धिकरण करें| उसके बाद उस जगह पर 5 या 7 या जोड़े से नाग नागिन बनाएं फिर उनको हल्दी का तिलक लगाएं इसमें रोली का भी इस्तेमाल करें ।

और इस बात का भी ध्यान रखें कि नाग देवता का काली चीज से ही बनाए जाते हैं क्योंकि यदि हम गोबर के नाम देवता बनाते हैं तो हमें उनका विसर्जन करना पड़ता है इसलिए कोयले को दूध में घिसकर दीवार पर नाग देवता बनाएं उसके बाद घी का दीपक जलाएं फिर वस्त्र के रूप में नाग देवता पर कलावा समर्पित करें.तत्पश्चात नाग देवता पर पुष्प समर्पित करें उसके बाद भीगे हुए बाजरा चढ़ाएं. इसके अलावा किसी भी मीठी चीज से नाग देवता को भोग लगाएं उसके बाद पुष्प हाथ में रखकर नाग देवता की कथा सुने| पूजा संपन्न होने के बाद शिवजी और नाग देवता को प्रणाम करआशीर्वाद लें

FAQs :-

नाग पंचमी के दिन क्या करें क्या ना करें?

सावन के महीने में पढ़ने वाला नाग पंचमी का पर्व नाग देवता की पूजा के लिए खास माना जाता है इस दिन भगवान शंकर की पूजा के साथ ही उनके प्रिय नाग देवता की पूजा की जाती है आइए आज हम जानेंगे इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

(1) नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करनी चाहिए और उन्हें जल चढ़ाना चाहिए तथा मंत्रों का जाप करना चाहिए

(2) नागपंचमी के दिन व्रत रखना चाहिए

(3) इस दिन पूजा से पूर्व शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए

(4) इस दिन लोहे के बर्तन में खाना बनाना चाहिए

(5) इस दिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि नाग देवता को दूध चढ़ाते समय पीतल के लोटे का ही इस्तेमाल करना चाहिए

(6) पूजा के दौरान हल्दी का खास तौर पर इस्तेमाल करना चाहिए धूपबत्ती और पूजन सामग्री अर्जित करके नाग देवता को मिठाई का भोग लगाना चाहिए

(7) यदि आपकी कुंडली में राहु केतु भारी है तो उस दिन सांपों की पूजा अवश्य करनी चाहिए

(8) नाग पंचमी के दिन सुई धागा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए

(9) इस दिन हमें नाग देवता हो नहीं मारना चाहिए

(10) इस दिन कोई भी भिक्षा मांगने आए उसे खाली हाथ नहीं लौटना चाहिए

नाग पंचमी कैसे करें?

स्नान करें: नाग पंचमी के दिन स्नान करना धार्मिक माना जाता है। स्नान के द्वारा शुद्धता के साथ आप नाग देवता की पूजा कर सकते हैं। व्रत का पालन करें: नाग पंचमी के दिन व्रत रखना शिव भक्ति का प्रतीक होता है। आपको उपवास रखने और भगवान शिव की पूजा करने की आवश्यकता होती है। शिव मंत्र जप करें: नाग पंचमी के दिन शिव मंत्रों का जाप करना धार्मिक माना जाता है। "ॐ नमः शिवाय" और "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्" जैसे मंत्रों का जाप करें। नाग देवता की पूजा करें: नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करें। साँपों की मूर्तियां या शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं। धूप, दीप, फूल, बेल पत्र और स्नान के जल से पूजा करें।

नाग पंचमी पर हम सांप को दूध क्यों चढ़ाते हैं?

नाग पंचमी पर हम सांप को दूध चढ़ाते हैं क्योंकि सांप नागराज को भगवान शिव का अवतार माना जाता है और उनकी पूजा करने से भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। भगवान शिव के प्रिय भक्त होने के कारण सांप की पूजा एवं दूध चढ़ाने का रिवाज है।

नाग देवता कौन है?

नाग देवता हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। वे साँपों के राजा के रूप में जाने जाते हैं और नागलोक में निवास करते हैं। नाग देवता को भगवान शिव के अवतार माना जाता हैं और उन्हें विष और सर्प का धारक कहा जाता है। वे संसार के पांच जीव तत्वों के प्रतीक माने जाते हैं और साँपों के संरक्षण के लिए भगवान शिव की पूजा और उनके दर्शन करने वाले भक्तों की कामना करते हैं। नाग पंचमी त्योहार पर भक्त उन्हें दूध, दही, मिष्ठान, फूल और सोने का नागमणि चढ़ाते हैं और उनकी पूजा करते हैं।

पंचमी अच्छी है या बुरी?

पंचमी की तुलना में यह ना तो अच्छी है और ना ही बुरी। पंचमी हिंदू पंचांग में पांचवें दिन को संकेत करती है और इसे विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। इस दिन नाग पंचमी, बसंत पंचमी, रथ पंचमी, गुरु पंचमी, और श्री कृष्णा पंचमी जैसे विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं। इन पंचमी त्योहारों में से हर एक का अपना अपना महत्व है और इन्हें धार्मिक उत्सवों के रूप में मनाने का प्रचलन है। यह सभी विभिन्न पंचमी त्योहार भक्ति भाव से मनाए जाते हैं और लोग इनके दिन विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इसलिए, पंचमी को ना अच्छी और ना बुरी माना जाता है क्योंकि यह धार्मिक उत्सव होते हैं और लोग इन्हें भगवान की पूजा और आराधना के लिए ध्यान देते हैं। इन त्योहारों के माध्यम से लोग अपने आचार-विचार में सुधार करते हैं और धर्मिक जीवन को उच्चतम मानक तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं।

नाग पंचमी में हम क्या खाते हैं?

नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति करने के लिए लोग विशेष प्रकार के प्रसाद का उपयोग करते हैं। इस दिन नागराजा को दूध, दही और मिष्ठान से प्रसाद चढ़ाते हैं। दूध की बांधनी करने के बाद उसे नागराजा की प्रतिमा या शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है। दही, मिष्ठान और फल भी नाग देवता के प्रसाद के रूप में उपयोग किए जाते हैं।