Durga Puja 2025 celebration with traditional pandal and goddess idol

Durga Puja 2025 | साल 2025 में दुर्गा पूजा कब से प्रारंभ है जाने दुर्गा पूजा की तिथि, व्रत कथा, संपूर्ण पूजा विधि

Table of index

  • दुर्गा पूजा क्या है?
  • दुर्गा पूजा 2025 में कब है?
  • दुर्गा पूजा क्यों मनाई जाती है?
  • दुर्गा पूजा का क्या महत्व है?
  • क्यों प्रसिद्ध है पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा?
  • दुर्गा पूजा किसका प्रतीक है?
  • मां दुर्गा किसका अवतार है
  • दुर्गा पूजा में किन-किन नाम से जाना जाता है?
  • दुर्गा मां का दूसरा नाम क्या है?

दुर्गा पूजा व्रत क्या है | What is Durga puja fast?

दुर्गा पूजा, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भारत में बड़े उत्साह और आनंद के साथ मनाया जाता है। यह पूजा देवी दुर्गा की पूजा है, जो शक्ति और साहस की प्रतीक हैं और सबसे खास पश्चिम बंगाल में मनाया जाने वाला पर्व है दुर्गा पूजा नवरात्रि के दौरान मनाई जाती है और इसे अक्टूबर या नवम्बर महीने में आयोजित किया जाता है इसकी शुरुआत कलश स्थापना से होती है जिसके बाद नौ दिनों तक देवी के भक्तों द्वारा विशेष पूजा अर्चना की जाती है

दुर्गा पूजा कब है 2025 | Durga puja Date 2025

Date 30 सितम्बर 2025,मंगलवार (दुर्गा अष्टमी) 27 सितम्बर 2025 - 8 अक्टूबर 2025

दुर्गा पूजा क्यों मनाई जाती है | Why is Durga puja celebrated?

वैसे तो दुर्गा पूजा हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है इसको मनाने के पीछे एक खास कारण यह है कि इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था ऐसा माना जाता है कि महिषासुर के पिता का नाम रंभ जो की असुरों का राजा था एक बार रंभ भैंस से प्यार कर बैठा और इस भैंस से शादी कर ली उसके पश्चात उससे महिषासुर का जन्म हुआ जिसे भगवान ब्रह्मा का वरदान मिला था कि कोई भी देवता या दानव उसे हरा नहीं सकता उसके पश्चात वह सभी देवताओं को परेशान करने लगा इसी कारण सभी देवतागण मिलकर देवी दुर्गा के पास गए और उन्होंने उन्हें सारी बात बताई

और इस सारे संकटों से उन्हें मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की उसके बाद जब मां दुर्गा ने सभी की प्रार्थना को स्वीकार कर लिया तो महिषासुर से युद्ध करके उसे परास्त करने की ठानी सभी देवतागढ़ो को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए उन्होंने महिषासुर से लगातार 9 दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया और सभी देवतागढ़ो को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलायी तभी से हम मां दुर्गा की पूजा करते हैं और इस पर्व को बड़े ही हरसोलस के साथ मानते हैं

दुर्गा पूजा का महत्व | Importance of fasting on durga puja

दुर्गा पूजा का पर्व हिंदू देवी दुर्गा की बुराई के प्रतीकराक्षस महिषासुरपर विजय के रूप में मनाया जाता है दुर्गा पूजा का पर्व वास्तव में शक्ति आराधना का पर्व है मान्यता के अनुसार यह पर्व शक्ति पाने की इच्छा से मनाया जाता है दुर्गा पूजा कोदुर्बोध सब या सर्वोत्तम के नाम से भी जाना जाता हैखास तौर पर शारदीय नवरात्रि की तरह ही दुर्गा पूजाका भी खास महत्व है और इसका खास महत्व यह भी है कि अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है दुर्गा मां सभी दोस्तों का संहार करने वाली हैमान्यता के अनुसार मां अपने भक्तों का बाल विवाह का नहीं होने देती मां दुर्गा शांति समृद्धि तथा धर्म पर आघात करने वाली और राक्षसी शक्तियों का विनाश करने वाली देवी है

दुर्गा पूजा विधि चैत्र नवरात्रि कब है गंगा दशहरा राम नवमी कब हैं

पश्चिम बंगाल में क्यों प्रसिद्ध है दुर्गा पूजा | Why is Durga Puja famous in West Bengal?

नवरात्रि मां दुर्गा और दुर्गा पूजा किसी भी नाम से इसे पुकारे किंतु जो चहल पहल और रौनक इन नौ दिनों में पूरे देश भर में दिखाई देती है वह माहौल को भक्तिमय बना देती है किंतु इन सब में सबसे ज्यादा आकर्षक और खूबसूरत परंपरा जो नजर आती है वह पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा की अनेक थीम्स पर बने भव्य पंडाल रंगों की शोभा नए लोग तेजस्वी चेहरे वाली देवियां सिंदूर खेला धोनी नृत्य और भी बहुत कुछ मन को मोह लेता है यह वह अनूठा अनुभव है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता पंडाल की भव्य और विशेष छठ कोलकाता और समूचे पश्चिम बंगाल को नवरात्रि के दौरान खास बनाते हैं यह पूरा माहौल शक्ति की देवी दुर्गा के रंग में रंग जाता है

दुर्गा पूजा किसका प्रतीक है | What does Durga Puja symbolize?

दुर्गा पूजा नारी के सम्मान का प्रतीक है दुर्गा पूजा 9 दिनों तक नवदुर्गा के 9 स्वरूपों की उपासना होती है कहते हैं कि जिस घर में माता की पूजा होती है उस घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और दुर्गा पूजा महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का जश्न मनाती है और यह उसी दिन शुरू होता है जिस दिन से नवरात्रि प्रारंभ होती है कई उत्तरी और पश्चिमी राज्यों में नवरात्रों का त्योहार जो अधिक व्यापक रूप से दिव्य शक्ति का जश्न मनाता है दुर्गा पूजा का पहला दिन महालय है जो देवी के आगमन का प्रतीक है

मां दुर्गा किसका अवतार है | Whose incarnation is Maa Durga?

मान्यता के अनुसार देवी दुर्गा भगवान शिव की पत्नी आदि शक्ति देवी पार्वती का ही एक स्वरूप है देवी का मस्तक काटा हुआ है इसीलिए इनको छिन्नमस्ता भी कहा जाता हैउनका"शिव जी केअंश से माना जाता है दर असल मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था ऐसा माना जाता है कि महिषासुर नामक राक्षससभी देवताओं को परेशान करते थे और वह उनके अत्याचारों से परेशान होकर भगवान विष्णु और भगवान शिव के पास सहायता मांगने गए तब भगवान विष्णु भगवान शिव पूरी बात जानकर क्रोधित हो गएऔर तब उन्होंने सभी के मुख एक दिव्यातेज प्रकट हुआ जिससेएक नारी के अस्तित्व का जन्म हुआ जिसे दुर्गा कहा गया भगवान शिव के तेज सेमुख बनायमराज की तेज से कैसे बने भगवान विष्णु के तेज से भुजाएं बनी चंद्रमा के तीर्थ से बची स्थल की रचना हुई सूर्य देव की तेज से पैरों की उंगली की रचना हुई कुबेर देव के तेज से नाक की रचना हुई प्रजापति की तेज से दांत बने अग्नि देव के तेल से तीनों नेत्र की रचना हुईसंध्या के तेज से मुक्ति बनी वायु देव के तेज सेकानों की उत्पत्ति हुई

दुर्गा पूजा में किन-किन नाम से जाना जाता है | By what names is Durga Puja known?

वैसे तो दुर्गा पूजा नवरात्रों की दुर्गा पूजा का ही रूप है किंतु इसे अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है बंगाल असम उड़ीसा में दुर्गा पूजा को अकाल बोधन (दुर्गा का अनुयायिक जागरण) सर्दियों पूजा मेयर पूजा अथवा पूजा भी कहा जाता है शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि यह सब भी इसी दुर्गा पूजा से ही जुड़े हैं इन सभी नवरात्रों में भी दुर्गा पूजा का विधान है किंतु अलग-अलग राज्यों में इस पूजा की अलग-अलग नाम से पुकारे जाते हैं दुर्गा पूजा का अर्थ ही माता दुर्गा के संपूर्ण स्वरूपों की पूजा करना है

दुर्गा मां का दूसरा नाम क्या है | What is the other name of Goddess Durga

वैसे तो मां दुर्गा के कई नाम है और कई स्वरूप है किंतु मां दुर्गा के नाम की बात की जाए तो उनको कई नाम से पुकारा जाता है जैसे सती चंद्रघंटा नेत्र मूल धरनी दुर्गा साध्वी भाव प्रीत पन्नाधारानी चित्र रूप देवी माता भवानी आर्य जवाबशुल्क धरनी बहुमानचीनी आदि माता दुर्गा के ही नाम है प्रत्येक सच्चे भक्त को माता के सभी नाम के बारे में ज्ञात होता है इसीलिए प्रत्येक भक्त मां दुर्गा को अलग-अलग नाम से पुकारते हैं