2025 Masik Shivaratri Dates | मासिक शिवरात्रि महत्व,पूजा विधि और शिव की आराधना का पावन समय


मासिक शिवरात्रि क्या है | What is the Masik Shivaratri?

मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि का व्रत माता पार्वती और भगवान शिव के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव प्रसन्न मुद्रा में होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का उपवास किया जाता है मासिक शिवरात्रि का व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है मान्यता के अनुसार मासिक शिवरात्रि व्रत करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं

12 महीने में कितनी मासिक शिवरात्रि होती है?

वैसे तो 12 महीने में 12 मासिक शिवरात्रि पड़ती है इसका मतलब यह है कि हर महीने में एक मासिक रात्रि आती है जिसका व्रत हम 12 महीने तक कर सकते हैं और हमारे द्वारा 12 मासिक शिवरात्रि की लिस्ट नीचे दी गई है जिसको पढ़कर आप 12 महीने में किस दिन मासिक शिवरात्रि पड़ रही है वह आप जान सकते हैं

मासिक शिवरात्रि लिस्ट २०२५ (Masik Shivaratri Tithi 2025)

नाम तारीख
मासिक शिवरात्रि सोमवार, 27 जनवरी 2025
मासिक शिवरात्रि बुधवार, 26 फरवरी 2025
मासिक शिवरात्रि गुरुवार, 27 मार्च 2025
मासिक शिवरात्रि शनिवार, 26 अप्रैल 2025
मासिक शिवरात्रि रविवार, 25 मई 2025
मासिक शिवरात्रि सोमवार, 23 जून 2025
मासिक शिवरात्रि बुधवार, 23 जुलाई 2025
मासिक शिवरात्रि गुरुवार, 21 अगस्त 2025
मासिक शिवरात्रि शुक्रवार, 19 सितंबर 2025
मासिक शिवरात्रि रविवार, 19 अक्टूबर 2025
मासिक शिवरात्रि मंगलवार, 18 नवंबर 2025
मासिक शिवरात्रि गुरुवार, 18 दिसंबर 2025

सावन शिवरात्रि पूजा विधि और व्रत कथा (Sawan Shivratri Vrat 2025)


क्यों किया जाता है मासिक शिवरात्रि का व्रत | Why is the fast of Masik Shivratri observed?

फागुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान शिव सबसे पहले शिवलिंग के स्वरूप में प्रकट हुए थे इस कारण से इस तिथि को भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के रूप में हर वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है शिव जी के निराकार स्वरूप का प्रतीक शिवलिंग शिवरात्रि की पावन तिथि में प्रकट होकर सर्वप्रथम बड़ा और विष्णु के द्वारा पूजित हुआ था पौराणिक कथा के अनुसार महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और देवी मां पार्वती का मिलन हुआ था फाल्गुन चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव के वैराग्य छोड़कर देवी पार्वती संग विवाह करके ग्रस्त जीवन में प्रवेश किया था इसीलिए इस दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है और इसको मासिक शिवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है

मासिक शिवरात्रि का व्रत कब से शुरू करना चाहिए | When should one start the fast of Masik Shivratri?

मासिक शिवरात्रि का व्रत हर महीने की आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को अमावस्या से एक दिन पहले होता है इस तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है मासिक शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव को समर्पित है जो भक्त मासिक शिवरात्रि करने की इच्छा रखते हैं उन्हें मासिक शिवरात्रि का प्रारंभ महाशिवरात्रि के दिन से शुरू करना चाहिए इसी के साथ कुछ शुभ महीना में भी इस व्रत को शुरू कर सकते हैं जैसे सावन कार्तिक वैशाख माघ का महीना इस व्रत को महिला और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं एक साल तक लगातार व्रत करने वालों की शिवजी सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं

मासिक शिवरात्रि का महत्व | Importance of Masik Shivratri

मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा रात्र में की जाती है और पूरी रात जागरण कर भगवान शिव की उपासना की जाती है मान्यता के अनुसार मान्यता के अनुसार वैवाहिक जीवन में पैदा हो रही समस्याओं और किसी भी अन्य प्रकार के रोग कन्याओं को योग्य बर सब कुछ इस व्रत के फल से प्राप्त होता है ऐसा माना जाता है कि एक रात में चार पहर होते हैं चारों पहर में भगवान शिव का दूध दही गंगाजल तथा अन्य चीजों से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है इसके साथ ही महामृत्युंजय का जाप निरंतर किया जाता है ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों से प्रसन्न होते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं ऐसा माना जाता है कि पहला पहर सूर्यास्त के बाद शुरू होता है और इसी के साथ भगवान शिव की उपासना भी शुरू हो जाती है दूसरा पहर रात्रि 9:00 बजे से और तीसरा पहर मध्य रात्रि 12:00 से शुरू होता है चौथा और अंतिम पर सुबह 3:00 से शुरू होता है और ब्रह्म मुहूर्त तक समापन हो जाता है इसीलिए इस व्रत का खास महत्व माना जाता है

मासिक शिवरात्रि के दिन क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए | What should we do and what should we not do on the day of Masik Shivratri

1. काले रंग के वस्त्र पहनकर मंदिर में नहीं जाना चाहिए

2. इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है की कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग को हाथ नहीं लगना चाहिए ऐसा करने से भगवान से नाराज हो जाते हैं

3. शिवरात्रि के दिन तुलसी को कभी भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए

4. पीरियड समय में स्त्री को इस व्रत को नहीं करना चाहिए

5. मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव पर धतूरा अवश्य चढ़ाना चाहिए

6. मासिक शिवरात्रि के दिन प्रत्येक भक्तों को पूरी श्रद्धा के साथ इस व्रत को करना चाहिए

7. मासिक शिवरात्रि के दिन बेलपत्र चढ़ाना भगवान शिव पर बहुत ही शुभ माना जाता है

सोलह सोमवार पूजा विधि और व्रत कथा (Solah Somvar Vrat 2025)


मासिक शिवरात्रि पूजा विधि | Masik Shivratri puja vidhi

1. शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर स्वच्छ कपड़े पहने और पूजा वाले स्थान पर एक साफ स्वच्छ चौकी स्थापित करें

2. उसके बाद चौकी के ऊपर एक लाल रंग का कपड़ा बिछाए

3. उस पर माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति को स्थापित करें और एक तांबे का कलश भरकर उसे चौकी पर रखें

4. उसके बाद दीप प्रज्वलित करें

5. उसके बाद पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें उन्हें सफेद चंदन का तिलक लगाए बेलपत्र भांग धतूरा सफेद फूल शिवजी को अर्पित करें

6. उसके बाद सारी पूजा की सामग्री एकत्रित करके हाथ में चावल लेकर पूजा प्रारंभ करें

7. पूजा संपन्न करने के बाद भगवान शिव की आरती करें

8. उसके बाद भगवान शिव को भोग लगाने के बाद प्रसाद सभी लोगों में वितरित कर दें

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। इसमें प्रस्तुत जानकारी और तथ्यों की सटीकता और संपूर्णता के लिए त्यौहार खोज डॉट कॉम जिम्मेदार नहीं है।